पंख फैला औ उडान भरे जा, ज़िन्दगी को जिए जा, आंसुओं को पीये जा। पंख फैला औ उडान भरे जा, ज़िन्दगी को जिए जा, आंसुओं को पीये जा।
अपने काजल साफ़े पर ही हँस आते हैं...! अपने काजल साफ़े पर ही हँस आते हैं...!
हर इक गाम देखा, बँटना बहुत है। हर इक गाम देखा, बँटना बहुत है।
कर सकूँ कुछ ऐसा...। कर सकूँ कुछ ऐसा...।
यूं तो बस चार दिन की है ज़िन्दगी, पर जीना हो तो हर दिन इतवार है ! यूं तो बस चार दिन की है ज़िन्दगी, पर जीना हो तो हर दिन इतवार है !
बुआ बोली भतीजी से- " २० वर्ष पहले तुझसे इस घर में थी मैं आई।" बुआ बोली भतीजी से- " २० वर्ष पहले तुझसे इस घर में थी मैं आई।"